डे़क/Standfirst:
OpenAI के CEO Sam Altman ने The Verge के एक डिनर-इंटरव्यू में कहा—“I don’t use Google anymore.” बयान 15–16 अगस्त 2025 की रिपोर्ट्स में सामने आया। यह AI-सर्च शिफ्ट को कितना तेज़ दिखाता है, और यूज़र्स व पब्लिशर्स के लिए इसका मतलब क्या है—यहाँ पूरी समझ।
Quick Read
- Altman का कहना: अब वे Google Search यूज़ नहीं करते; यह बदलाव AI-सर्च की ओर बड़े ट्रेंड का संकेत।
- ChatGPT, Altman के मुताबिक, साप्ताहिक 700 मिलियन यूज़र्स तक पहुँचा—Discoverability की नई धुरी।
- GPT-5 रोलआउट पर बैकलैश के बाद OpenAI ने 4o विकल्प लौटाया—यूज़र बेहेवियर का सिग्नल।
- Altman ने कहा—अगर US में Chrome बेचना पड़ा, OpenAI “देखेगा” (हाइपोथेटिकल)।
- भारत में असर: SEO रणनीतियाँ, पब्लिशर ट्रैफ़िक, और यूज़र हैबिट्स—सब बदल रहे हैं।
क्या कहा Altman ने—और क्यों यह ख़बर बड़ी है
The Verge के Command Line इंटरव्यू में Sam Altman ने साफ़ कहा: “I don’t use Google anymore. I legitimately cannot tell you the last time I did a Google search.” यह सिर्फ़ पर्सनल प्रेफ़रेंस नहीं, बल्कि सर्च के भविष्य की दिशा बताने वाला सिग्नल है। ChatGPT जैसे AI-टूल्स अब “क्विक आंसर”, सारांश और context-aware रिज़ल्ट देते हैं—जिन्हें यूज़र बार-बार prefer कर रहे हैं। (संदर्भ: The Verge इंटरव्यू)
Context: Altman ने उसी बातचीत में संकेत दिया कि ChatGPT का weekly reach ~700M है और प्रोडक्ट usage पीक पर है; GPT-5 रिलीज़ के बाद API ट्रैफ़िक डबल होने की बात भी आई। यह usage-shift पारंपरिक सर्च के लिए चुनौती है।
यह क्यों मायने रखता है:
- यूज़र हैबिट्स: जब एक टॉप-टेक CEO खुद Google से AI-सर्च पर शिफ्ट दिखाए, तो यह मेनस्ट्रीमिंग का संकेत है।
- इकोसिस्टम-इम्पैक्ट: पब्लिशर्स/वेबसाइट्स की विज़िट्स कम हो सकती हैं, क्योंकि जवाब “इंजन” के भीतर मिल रहा है।
- मार्केट डायनेमिक्स: Google, OpenAI, Microsoft, Perplexity जैसी कंपनियाँ अब “सर्च/आंसर” स्पेस की नई परिभाषा लिख रही हैं।
(रिपोर्टिंग रेफरेंस: The Verge की इंटरव्यू स्टोरी; Business Insider, TOI ने इसे विस्तार से रिपोर्ट किया)
GPT-5, मॉडल स्विच-बैक और यूज़र सिग्नल
GPT-5 लॉन्च के बाद कुछ यूज़र्स ने टोन/ बिहेवियर में बदलाव पर आपत्ति जताई—OpenAI ने 4o को विकल्प के तौर पर वापस लाया। यह दिखाता है कि यूज़र-फील और रिस्पॉन्स-स्टाइल भी उतना ही अहम है जितना “स्मार्टनेस”। एक्सपीरियंस-लेयर्स (टोन, warmth, speed) अब सर्च/आंसर कंपटीशन में डिफरेंशिएटर बन रहे हैं।
- For SEOs/ब्रांड्स: सिर्फ़ “करेक्ट आंसर” नहीं; कैसे दिया जा रहा है—यह भी रैंकिंग/एंगेजमेंट समकक्ष हो गया है।
[The Verge के इंटरव्यू सार में] Sam Altman ने GPU constraints और usage spikes का ज़िक्र किया—जो बताता है कि demand supply को धकेल रही है। (एडिटर नोट: इंटरव्यू कवरेज लिंक)
“Chrome बिके तो देखेंगे”—हाइपोथेटिकल, पर सिग्नलकथा
Altman ने इंटरव्यू में हँसते-कहते कहा—अगर Google को Chrome बेचना पड़ा तो OpenAI “देखेगा।” यह किसी डील का ऐलान नहीं, बल्कि रेगुलेटरी दबाव और स्ट्रैटेजिक ऑप्शन्स पर एक टिप्पणी है।
- इसका मतलब: ब्राउज़र लेयर भी AI-फर्स्ट बन रही है—जहाँ डिफ़ॉल्ट असिस्टेंट/सर्च UX-एंकर है।
- इंडिया ऐप-इकोसिस्टम के लिए: ब्राउज़र-स्तर पर AI इंटीग्रेशन (वॉइस, विज़न, रियल-टाइम एन्सर्स) मेगा-डिस्ट्रिब्यूशन चैनल बन सकता है।
(एडिटर नोट: इंटरव्यू संदर्भ)
Google से दूरी… पर Google Cloud पर काम? ये कैसे साथ-साथ सच है
यह उलझन लग सकती है कि Altman Google Search यूज़ नहीं करते, पर OpenAI ने Google Cloud के साथ इंफ़्रा पार्टनरशिप भी रखी है। बिज़नेस में राइवल्री और सप्लाई-चेन अक्सर अलग-अलग ट्रैक्स पर चलती हैं—compute जरूरतों के लिए multi-cloud (Microsoft/Oracle/Google) practical होता है। [Business Insider ने इस पहलू को हाइलाइट किया]—Google के Sundar Pichai ने भी क्लाउड पार्टनरशिप पर पॉज़िटिव कमेंट किया था। (एडिटर नोट: BI कवरेज लिंक)
भारत के यूज़र्स: आपके लिए बदलती “सर्च आदत” का मतलब
- Whats/How: AI-आंसर अब conversational हैं—मल्टी-स्टेप सवाल, हिंदी-इंग्लिश मिक्स, टेबल/समरी आउटपुट—all-in-one चैट।
- Trust/Verification: AI कभी-कभी hallucinate भी करता है; इसलिए क्रिटिकल क्वेरी (जैसे फाइनेंस/हेल्थ) में cross-verify करें—official sources/primary docs से।
- प्राइवेसी/वैयक्तिक डेटा: थर्ड-पार्टी चैट में संवेदनशील चीज़ें शेयर करने से पहले privacy policy/retention सेटिंग्स देखें।
भारत के पब्लिशर्स व SEO प्रोफेशनल्स: क्या बदलना होगा
1) “Answerable” कंटेंट, न कि सिर्फ़ “Clickable”
AI-सर्च स्निपेट्स/एजेंट-समरीज़ को फीड करने लायक कंटेंट बनाइए—कंसाइस, facts-forward, स्कीमा/डेटा-टेबल्स/FAQ-ब्लॉक्स।
Bylines, expertise, methods—मानव-क्रेडिबिलिटी अब और भी जरूरी। Altman ने भी कहा कि human-curated कंटेंट की वैल्यू बढ़ेगी; अल्गोरिदमिक summarize के बीच यही differentiator है।
3) मल्टीलिंगुअल & भारत-first
हिंदी + रीजनल लैंग्वेजेज़ में structured answers (glossaries, explainers, How-to’s) बनाइए। AI-एजेंट्स bilingual/hinglish क्वेरीज़ में इन्हें आसानी से surface करेंगे।
4) Metrics री-थिंक
सिर्फ़ pageviews नहीं—answer-reach/mention-share (कितना कंटेंट AI-समरी में आया), citations, branded queries पर ध्यान दें।
5) Partnerships & APIs
AI-एजेंट्स को डेटा-फीड देने के लिए licensing/APIs देखें—लंबी दौड़ में discovery यहीं से आएगी।
पारंपरिक Google-style SEO से AI-एजेंट SEO तक—एक मिनी-गाइड
- Entities & Attributes: लेख में स्पष्ट entities, तारीखें, आँकड़े, quotes रखें—एजेंट-समरी इन्हीं से बनती है।
- Clean structure: H2/H3, bullets, FAQs—mobile पर 2–4 लाइन वाले पैराग्राफ।
- डेटा-ब्लॉक्स: price, dates, specs, timelines को structured रखें।
- Source Attributions: जब भी दावा/आँकड़ा हो—स्पष्ट एट्रिब्यूशन (इन-लाइन एंकर) दें।
- User Task Fit: “कैसे करें”, “क्या बदल जाएगा”, “भारत के लिए क्या मतलब”—टास्क-ओरिएंटेड सेगमेंट जोड़ें।
क्या यह Google का endgame है?—रियलिटी चेक
- Dominance vs Direction: Google का मार्केट-पावर बहुत बड़ा है; पर दिशा बदल रही है—यूज़र intent-to-answer शिफ्ट हो रहा है।
- Regulatory Wildcard: US/EU/भारत में एंटीट्रस्ट/प्राइवेसी केसों का सर्च UX पर असर पड़ सकता है (डिफ़ॉल्ट्स, AI-ओवरले, डेटा-सोर्सिंग)।
- Caveat: Altman का बयान एक व्यक्ति की आदत बताता है; यह उद्योग-ट्रेंड का प्रतीक है, पर पूरे मार्केट का डेटा-प्रूफ नहीं।
FAQs
1) क्या Sam Altman ने सच में कहा कि वे Google यूज़ नहीं करते?
हाँ—The Verge के डिनर-इंटरव्यू में यही उद्धरण आया, जिसे अगले दिन कई प्रकाशनों ने दोहराया।
2) क्या OpenAI कोई “सर्च इंजन” लॉन्च कर रहा है?
OpenAI चैट-फर्स्ट आंसरिंग को आगे बढ़ा रहा है। इंडस्ट्री-रिपोर्ट्स काफ़ी हैं, पर इस स्टोरी में कोई नया सर्च-प्रोडक्ट अनाउंसमेंट नहीं किया गया।
3) GPT-5 के बाद 4o क्यों वापस लाना पड़ा?
यूज़र टोन/रिस्पॉन्स-स्टाइल पर संवेदनशील हैं; बैकलैश के बाद 4o को विकल्प के रूप में लौटाया गया—यूज़र-सिग्नल का सम्मान।
4) क्या OpenAI सच में Chrome खरीदेगा?
नहीं—ऐसा घोषित सौदा नहीं। Altman ने हाइपोथेटिकल कहा—अगर Chrome को बेचना पड़ा तो “देखेंगे।”
5) भारत के SEO/पब्लिशर्स को तुरंत क्या करना चाहिए?
Entity-rich explainers, structured FAQs, डेटा-टेबल्स, लेखक-क्रेड्स, और bilingual कंटेंट—ताकि AI-एजेंट्स में आपकी उपस्थिति बढ़े।
निष्कर्ष: सर्च का नया चेहरा—“एजेंट”
Altman का “I don’t use Google anymore” बयान symbolic है—यूज़र अब direct answers, context और conversation चाहते हैं। भारत में भी यही पैटर्न दिख रहा है—जहाँ Hindi/hinglish queries, voice-first UX और task completion मायने रखता है। पब्लिशर्स व ब्रांड्स के लिए यह एजेंट-SEO और लाइसेंस्ड-डेटा स्ट्रैटेजी अपनाने का सही समय है।
Reporter’s Note
- इस स्टोरी के लिए मैंने The Verge का प्रकाशित इंटरव्यू (15 अगस्त 2025 UTC) पढ़ा और वहीँ से मुख्य उद्धरण/आँकड़े लिए। इसके बाद Business Insider और Times of India की कवरेज से क्रॉस-वेरिफाई किया। कोई काल्पनिक उद्धरण नहीं जोड़ा गया। समय/तारीखें IST में दी गईं, और पैराग्राफ 2–4 लाइनों के रखे गए ताकि मोबाइल-रीडेबिलिटी बनी रहे। The VergeBusiness InsiderThe Times of India
मैं Muzamil Ahad—Srinagar-based Tech Writer, Data-Geek और AI Enthusiast। पिछले 5+ सालों से मैं AI-powered projects पर hands-on काम कर रहा हूँ और वही फ़र्स्ट-हैंड insights Artificial intelligence AI in Hindi पर शेयर करता हूँ। मेरा goal है complex AI concepts को simple Hindi + थोड़ा-सा English mix में explain करना, ताकि हर reader confidently नई टेक्नॉलजी adopt कर सके।
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