आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेज़ी से बढ़ती उपस्थिति के कारण भारत में प्रवेश स्तरीय नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। TCS, Infosys जैसी बड़ी IT कंपनियों में छंटनी की लहर से युवाओं में बेरोजगारी की चिंता बढ़ रही है।
Quick Read: मुख्य तथ्य
• 2025 में अब तक 1 लाख से अधिक तकनीकी कर्मचारियों की छंटनी हुई है • TCS में लगभग 12,000 कर्मचारियों की नौकरी गई है • AI automation के कारण entry-level positions सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं
• IT कंपनियां pyramid restructuring और legacy system modernization कर रही हैं • नई भर्तियों में 40% तक की कमी देखी जा रही है
AI क्रांति का प्रभाव: नौकरी बाज़ार में बदलाव की शुरुआत
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव अब सिर्फ भविष्य की कल्पना नहीं रह गया है, बल्कि वर्तमान की कड़वी सच्चाई बन गया है। भारतीय IT सेक्टर, जो दशकों से देश की आर्थिक रीढ़ माना जाता रहा है, अब एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है।
2025 में अब तक 10,000 से अधिक नौकरियों की हानि सीधे तौर पर AI automation से जुड़ी हुई है। यह आंकड़ा सिर्फ शुरुआत है, क्योंकि कई कंपनियां अभी भी AI के कारण हुई छंटनी को स्वीकार करने से बचती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति खासकर entry-level jobs के लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। जबकि AI पूरी तरह से प्रारंभिक करियर की नौकरियों को खत्म नहीं कर रहा है, यह निश्चित रूप से उन्हें बड़े तरीके से बदल रहा है।
भारतीय IT कंपनियों में छंटनी की लहर
TCS और Infosys की रणनीति में बदलाव
TCS ने 12,000 छंटनी के पीछे AI को कारण नहीं माना है, जबकि Microsoft जैसी कंपनियां अपनी 15,000 नौकरियों की कटौती का श्रेय AI को देती हैं। यह विरोधाभास भारतीय IT कंपनियों की मानसिकता को दर्शाता है।
TCS, Infosys और Wipro जैसी दिग्गज IT कंपनियां revenue में स्थिर वृद्धि के बावजूद भी नौकरियों में कटौती कर रही हैं, जो automation, pyramid reset और legacy rationalisation की दिशा में एक स्पष्ट बदलाव का संकेत है।
छंटनी के पीछे के असली कारण
कंपनियां अपनी workforce strategy को AI के साथ align करने के लिए roles को फिर से परिभाषित कर रही हैं। कुछ भूमिकाएं इसलिए गायब हो रही हैं क्योंकि AI tools वह काम कर रहे हैं, जबकि अन्य इसलिए काटी जा रही हैं ताकि business अपना खर्च AI engineering, infrastructure, और research पर redirect कर सकें।
Entry-Level Jobs पर विशेष प्रभाव
सबसे ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्र
Data entry, basic coding, customer support, और content moderation जैसे काम सबसे पहले AI के निशाने पर आते हैं। ये वही काम हैं जो traditionally नए graduates को मिलते थे और जहां से वे अपना करियर शुरू करते थे।
Fresh graduates के लिए यह स्थिति विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उन्हें न तो advanced skills का experience है और न ही वे senior positions के लिए eligible हैं।
Skills Gap की बढ़ती समस्या
AI के युग में entry-level candidates से भी advanced technical skills की अपेक्षा की जा रही है। Machine learning, data science, AI programming जैसे skills अब optional नहीं रह गए हैं, बल्कि basic requirement बन गए हैं।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य: दुनियाभर में AI का प्रभाव
AI career ladder को reshape कर रहा है, entry-level roles को जोखिम में डाल रहा है जबकि global talent pools को व्यापक बना रहा है। यह trend सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में देखा जा रहा है।
2025 में tech layoffs ने कड़ी चोट की है – 1 लाख नौकरियां गई हैं क्योंकि AI companies को transform कर रहा है। यह आंकड़ा global impact की गंभीरता को दर्शाता है।
भविष्य की संभावनाएं और समाधान
Re-skilling की आवश्यकता
इस चुनौती का सामना करने के लिए workforce को re-skill और up-skill करना जरूरी है। AI के साथ collaborate करने वाले skills develop करना होगा, न कि उससे compete करने की कोशिश करनी होगी।
नई नौकरियों के अवसर
Artificial Intelligence भारत की economy और society को तेज़ी से reshape कर रहा है। government और private sector के मजबूत push के साथ, भारत इस क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है। इससे AI-related नई नौकरियों के अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
Industry की जिम्मेदारी
कंपनियों को अपने employees के साथ transparent रहना चाहिए और उन्हें transition में मदद करनी चाहिए। कंपनियां reorganization, restructuring, और optimization जैसे terms का use करके job cuts में AI की भूमिका को छुपाने की कोशिश कर रही हैं।
FAQs: आम सवाल और जवाब
क्या AI पूरी तरह से entry-level jobs को खत्म कर देगा?
AI entry-level jobs को पूरी तरह खत्म नहीं करेगा, लेकिन उनकी nature को significant रूप से बदल देगा। नई skills और adaptability की जरूरत होगी।
भारतीय IT कंपनियां AI layoffs को क्यों स्वीकार नहीं करतीं?
Indian IT companies reputation management और employee morale के concerns के कारण AI-driven layoffs को acknowledge करने से बचती हैं। यह approach short-term में beneficial लग सकता है लेकिन long-term trust building के लिए harmful है।
Fresh graduates को क्या करना चाहिए?
Fresh graduates को AI, machine learning, data science, और automation tools में skills develop करनी चाहिए। साथ ही critical thinking, creativity, और emotional intelligence जैसी human skills पर भी focus करना चाहिए।
क्या government कोई steps ले रही है?
Government AI policy framework और re-skilling programs पर काम कर रही है, लेकिन implementation की speed industry के transformation की गति के अनुपात में तेज़ होनी चाहिए।
कौन से sectors में अभी भी opportunities हैं?
Healthcare, education, sustainable technology, और human-AI collaboration वाले sectors में अभी भी अच्छे opportunities हैं। यहां human touch और creativity की अभी भी जरूरत है।
निष्कर्ष: बदलाव के साथ तालमेल बिठाना
AI से entry-level jobs को खतरा वास्तविक है, लेकिन यह end of the world नहीं है। यह एक transition phase है जिसमें adaptation, learning, और innovation की जरूरत है। जो professionals और organizations इस बदलाव को embrace करेंगे और accordingly skills develop करेंगे, वे इस challenging phase से successfully निकल सकेंगे।
भविष्य उन लोगों का है जो AI के साथ collaborate कर सकते हैं, न कि उससे डरते हैं। Education system, industry, और government को मिलकर एक comprehensive strategy बनानी होगी जो workforce को इस नए युग के लिए तैयार करे।
Methodology/Reporter’s Note: यह रिपोर्ट विभिन्न authoritative sources से प्राप्त current data, industry reports, और expert analysis पर आधारित है। सभी statistics और quotes को credible sources से verify किया गया है। Information को real-time trends और factual accuracy के साथ present किया गया है।
Published: 17 अगस्त 2025, 14:30 IST
Updated: 17 अगस्त 2025, 14:30 IST
संदर्भ:
- CNBC Technology Reports
- World Economic Forum Analysis
- Fortune Magazine Tech Coverage
- Analytics India Magazine
- Business Standard Industry News
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